हड़जोड़ अद्भुत जड़ी-बूटी है जो न केवल हड्डियों को मजबूत करती है बल्कि टूटी हड्डियों को जोड़ने में भी मदद करती है

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में गिरना, फ्रैक्चर होना, हड्डियों का कमजोर होना और जोड़ों का दर्द आम समस्या बनती जा रही है। बाज़ार की दवाइयाँ जहाँ केवल दर्द दबाती हैं, वहीं आयुर्वेद में एक ऐसी अद्भुत जड़ी-बूटी का वर्णन है जो न केवल हड्डियों को मजबूत करती है बल्कि टूटी हड्डियों को जोड़ने में भी मदद करती है। इसका नाम है हड़जोड़ (Hadjod) या अस्थिसंधानक। संस्कृत में इसे अस्तिसंहारक और वज्रदंती कहा गया है।

 हड़जोड़ क्या है?

हड़जोड़ का वैज्ञानिक नाम Cissus quadrangularis है। यह बेलनुमा, रसीली लता होती है जिसकी डंठल चार कोनों वाली होती है। यही कारण है कि इसे “चतुरंगुली” भी कहा जाता है। इसके तने का रस और गूदा आयुर्वेद में औषधीय उपयोग के लिए लिया जाता है।

आयुर्वेद में हड़जोड़ का महत्व

आयुर्वेदिक ग्रंथों में हड़जोड़ को हड्डियों को जोड़ने वाली, अस्थिपोषक और वातनाशक औषधि बताया गया है।

चरक संहिता में इसे अस्थिसंहारक कहा गया है, यानी वह औषधि जो अस्थियों का विनाश रोककर उन्हें पुनः जोड़ने का काम करती है।

यह वातहर यानी वात दोष को संतुलित करती है और इस प्रकार जोड़ों के दर्द और सूजन में लाभकारी है।

हड्डियों के साथ-साथ यह दाँत, मसूड़ों और शरीर की मजबूती के लिए भी उपयोगी है।

हड़जोड़ के आयुर्वेदिक गुण

  • रस (स्वाद) – कटु (तीखा), तिक्त (कड़वा)
  • वीर्य (प्रभाव) – उष्ण (गर्म)
  • गुण (विशेषता) – स्निग्ध (चिकना), गुरु (भारी)
  • दोष प्रभाव – वात और कफ दोष को संतुलित करती है।

 घरेलू नुस्खों में हड़जोड़ का उपयोग

  • हड्डी टूटने पर (Fracture):

हड़जोड़ के ताजे डंठल का रस निकालकर उसे दूध के साथ सेवन करने से हड्डियाँ जल्दी जुड़ती हैं।

वैद्यक परंपरा में हड़जोड़ का लेप बाहर से पट्टी के रूप में भी बाँधा जाता है।

  • जोड़ों का दर्द और सूजन:

हड़जोड़ के डंठल का क्वाथ (काढ़ा) बनाकर दिन में दो बार पीने से जोड़ों का दर्द और सूजन कम होती है।

  • मसूड़ों की समस्या:

हड़जोड़ की टहनी को चबाने से दाँत और मसूड़े मजबूत होते हैं और खून आना बंद होता है।

  • भूख और पाचन शक्ति:

इसका चूर्ण शहद के साथ लेने से पाचन सुधरता है और भूख बढ़ती है।

  • कमज़ोरी और हड्डियों की कमजोरी:

हड़जोड़ पाउडर को दूध के साथ लेने से शरीर को ताक़त मिलती है और हड्डियाँ मज़बूत होती हैं।

  • मोटापा और मेटाबॉलिज़्म:

अनुसंधानों में पाया गया है कि हड़जोड़ का सेवन वज़न नियंत्रित करने और मेटाबॉलिज़्म सुधारने में सहायक है।

  • आधुनिक शोध और हड़जोड़

आधुनिक वैज्ञानिक अध्ययनों में हड़जोड़ में कैल्शियम, विटामिन C, कैरोटीनॉयड्स और स्टेरॉइड्स जैसे तत्व पाए गए हैं जो हड्डियों को मजबूत करते हैं।

यह एन्टी-इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुणों से भरपूर है, जिससे सूजन और दर्द दोनों कम होते हैं।

शोध में यह भी पाया गया है कि यह हड्डियों की रिकवरी टाइम को 40% तक कम कर सकती है।

सावधानियाँ

हड़जोड़ का सेवन वैद्य की सलाह अनुसार ही करना चाहिए।

अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में जलन या ढीले दस्त हो सकते हैं।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बिना परामर्श के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

 निष्कर्ष

हड़जोड़ सिर्फ एक साधारण जड़ी-बूटी नहीं बल्कि प्रकृति का दिया हुआ हड्डियों का सुरक्षा कवच है। टूटी हड्डियों को जोड़ने, हड्डियों को मज़बूत बनाने, दाँत और मसूड़ों को स्वस्थ रखने से लेकर मोटापे और पाचन तक, इसके अनगिनत फायदे हैं। आयुर्वेद ने सही कहा है – “प्रकृति ही सबसे बड़ी औषधि है” और हड़जोड़ इसका जीता-जागता उदाहरण है।

 

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