आयुर्वेद से करें स्किन डिटॉक्स और पाएं प्राकृतिक निखार!

आज की दुनिया में जहां केमिकल्स और कॉस्मेटिक्स का बोलबाला है, वहीं आयुर्वेद हमें सौंदर्य की ओर लौटने का एक शुद्ध और प्राकृतिक रास्ता दिखाता है। त्वचा केवल सुंदरता का प्रतीक ही नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य का आईना भी होती है। आयुर्वेद में त्वचा के लिए अनेक दिव्य जड़ी-बूटियों का वर्णन किया गया है, जो त्वचा की गहराई तक पोषण देती हैं और उसे रोगमुक्त एवं कांतिवान बनाती हैं।

 नीम (Neem) – त्वचा का रक्षक नीम को आयुर्वेद में “सर्वरोग नाशिनी” कहा गया है। गुण: रक्त शुद्धि, फोड़े-फुंसी, मुंहासे और एलर्जी में प्रभावी । उपयोग: नीम की पत्तियों का क्वाथ बनाकर पीएं। पत्तियों का लेप चेहरे पर लगाएं।

हल्दी (Haridra) – त्वचा की सोने सी चमक गुण : एंटीसेप्टिक, सूजनरोधी और जीवाणुनाशक । उपयोग: हल्दी + बेसन + दही का उबटन दूध में हल्दी डालकर सेवन।

 मंजिष्ठा (Manjistha) – रक्त और सौंदर्य की देवी गुणः रक्त को शुद्ध करती है, त्वचा के काले दाग मिटाती है। उपयोग: मंजिष्ठा का चूर्ण शहद के साथ । त्वचा रोग में क्वाथ।

 एलोवेरा (Kumari) – सौंदर्य की संजीवनी गुणः त्वचा को ठंडक, नमी और ग्लो देती है।

उपयोग: एलोवेरा जेल सीधे चेहरे पर। रोजाना एक चमच एलोवेरा रस।

गुलाब (Rose) – त्वचा की कोमलता का उपहार गुणः त्वचा को टोन करता है, रोमछिद्रों को साफ करता है।

उपयोग: गुलाब जल टोनर की तरह । गुलाब की पंखुड़ियों का उबटन।

त्रिफला (Triphala) – अंदर से सुंदरता

गुण : पेट को साफ कर त्वचा पर चमक लाता है।

उपयोग: त्रिफला चूर्ण रात्रि में गर्म पानी के साथ । त्रिफला क्वाथ से चेहरा धोन

हरिद्रा खंड – स्किन एलर्जी का शमन

गुण: खाज, खुजली, एलर्जी और चकत्तों में लाभकारी ।

उपयोग: हरिद्रा खंड चूर्ण को दूध के साथ लें (वैद्य की सलाह से)।

नारियल तेल + लौंग + कपूर त्वचा के लिए आयुर्वेदिक तेल संयोजन

गुणः त्वचा की नमी बनाए रखता है, संक्रमण से बचाता है। उपयोग: स्नान के बाद त्वचा पर हल्का मालिश करें। रूखी त्वचा में लाभकारी।

आयुर्वेद में त्वचा का वर्गीकरण:

वातज त्वचा: शुष्क, रूखी त्वचा

पित्तज त्वचा: संवेदनशील, लालिमा वाली

कफज त्वचा: तैलीय, मोटी त्वचा

इनके लिए औषधियों का चयन अलग-अलग होता है। इसलिए आयुर्वेदिक उपचार शरीर प्रकृति (Prakriti) के अनुसार हो ।

आयुर्वेदिक घरेलू उबटन (Face Pack):

बेसन – 2 चमच, हल्दी – 1/4 चमच, चंदन पाउडर – 1 चमच, गुलाब जल आवश्यकतानुसार,नीम पाउडर – 1/2 चमच,दही- 1 चमच (तैलीय त्वचा में न लें)सप्ताह में 2 बार लगाएं।

चंदन (Sandalwood ) – शीतलता / कांति प्रतीक उपयोग: चंदन चूर्ण + गुलाबजल का लेप । फेसपैक में मिलाकर प्रयोग |

तुलसी (Tulsi) – शुद्धि और ऊर्जा का स्त्रोत गुण: त्वचा पर पिंपल्स और एलर्जी से लड़ती है।

उपयोग: तुलसी की पत्तियों का रस चेहरे पर लगाएं। तुलसी का काढ़ा पीएं।

निष्कर्ष:

त्वचा की असली सुंदरता अंदर से आती है। यदि आप सही खानपान, नियमित दिनचर्या और आयुर्वेदिक औषधियों का सहारा लें, तो बिना किसी साइड इफेक्ट के आप पा सकते हैं स्वस्थ, दमकती और रोगमुक्त

त्वचा।

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