भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही दूध (Milk) को “संपूर्ण आहार” और “अमृततुल्य” माना गया है। आयुर्वेद दूध को एक ऐसा सात्त्विक पेय मानता है, जो शरीर, मन और आत्मा तीनों को पोषण देता है। यह केवल एक पोषण तत्व नहीं, बल्कि एक औषधि है – बशर्ते इसका सेवन सही समय, सही मात्रा और सही विधि से किया जाए।
“क्षीरं बलं मेध्यमायुस्तरं, रक्तपित्तहरं सरं । “(अर्थ: दूध बलवर्धक, बुद्धिवर्धक, आयुवर्धक, रक्तशुद्धि में सहायक एवं शीतल होता है।)
रस (Taste): मधुर
वीर्य (Potency): शीत
विपाक (Post-digestive effect): मधुर गुण: गुरु (भारी), स्निग्ध (चिकनाई युक्त), बृंहण
दूध विशेष रूप से वात और पित्त दोष को शांत करता है।
दूध के आयुर्वेदिक लाभ:
बलवर्धकः दूध मांसपेशियों को मजबूती देता है और संपूर्ण शरीर की संरचना को बनाए रखता है।
मस्तिष्क और स्मृति के लिए श्रेष्ठः दूध में उपस्थित अमीनो एसिड और फैट मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं । नींद के लिए लाभकारी : रात्रि में गुनगुना दूध लेने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।
पाचन में सहायक: अदरक या त्रिकटु मिलाकर लिया गया दूध पाचन को अच्छा करता है।
हड्डियों को मज़बूती देता है: दूध में उपस्थित कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाता है त्वचा और सौंदर्य के लिए: दूध रक्त को शुद्ध करता है जिससे त्वचा पर चमक आती है। उर्जावर्धकः मानसिक थकान और शारीरिक थकावट में दूध संजीवनी का कार्य करता है। “निशायां क्षीरं पिबेत् बलवर्धनम्।” (रात में दूध पीना बल और ओज को बढ़ाता है। दूध के साथ किन चीजों का सेवन न करें
1. खट्टे फल (जैसे संतरा, नींबू) 2. नमक या नमकीन खाद्य 3. मांसाहार या मछली
4. सोडा या कोल्ड ड्रिंक्स
5. दही, खिचड़ी, कढ़ी के साथ
इन चीज़ों के साथ दूध लेने से “विषवत प्रतिक्रिया” हो सकती है और त्वचा रोग, एलर्जी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
दूध का सेवन कैसे करें:
गुनगुना दूध: ठंडा दूध कफ बढ़ाता है, हमेशा हल्का गर्म पिएं। दूध में औषधियाँ मिलाकर सेवन:
हल्दी वाला दूध: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
अश्वगंधा दूध ( अश्वगंधा+दूध+ मिश्री): बल और वीर्य वर्धक त्रिफला दूध: आँखों और त्वचा रोग के लिए लाभकारी
दालचीनी दूध: शुगर नियंत्रण में सहायक
केसर दूध: त्वचा और प्रजनन शक्ति के लिए लाभदायक
जायफल दूध: नींद की समस्या के लिए
घी दूध: कब्ज के लिए दूध में 1 चम्मच घी मिलाकर रात्रि में लें दूध को उबालें जरूर: उबला दूध पचने में आसान होता है और रोगजनक बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं।
दूध सेवन में सावधानियाँ
दूध पीने का सही समय:
रात्रि में: आयुर्वेद अनुसार रात का समय दूध पीने के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
प्रातः काल खाली पेट दूध नहीं लेना चाहिए, खासकर यदि पाचन कमजोर हो ।
भोजन के तुरंत बाद दूध न लें।
डायबिटीज वाले व्यक्ति बिना शहद / मिश्री के लें।
पाचन कमजोर हो तो हल्दी या त्रिकटु मिलाकर लें। बुखार, सर्दी, जुकाम में दूध लेने से पहले वैद्य से सलाह लें। निष्कर्षः
दूध केवल एक पेय नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक औषधि है। यदि इसका सेवन सही विधि, सही समय और अनुकूल पदार्थों के साथ किया जाए, तो यह तन, मन और आत्मा तीनों के लिए आरोग्यवर्धक सिद्ध होता है।
