आज के समय में हर उम्र के लोग कमर दर्द से परेशान रहते है। झा यह समस्या पहले उम्रदराज लोगो में देखि जाती थी। वही अब २०-३० साल के युवा भी इस से परेशान रहते है। आयुर्वेद के अनुसार कमर दर्द केवल हड्डियों या मांसपेशियों का मामला नहीं बल्कि यह वात दोष की वृद्धि और शरीर की क्षीणता का भी संकेत हो सकता है ‘
कमर दर्द के प्रमुख कारण (आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से)
वात दोष का असंतुलन – ठंडी, सूखी हवा, अनियमित खान-पान, देर रात तक जागना, तनाव आदि वात को बढ़ाकर जोड़ों और स्नायु में सूजन व दर्द उत्पन्न करते हैं
वात दोष का असंतुलन – ठंडी, सूखी हवा, अनियमित खान-पान, देर रात तक जागना, तनाव आदि वात को बढ़ाकर जोड़ों और स्नायु में सूजन व दर्द उत्पन्न करते हैं
मज्जा और अस्थि धातु की कमजोरी – कैल्शियम, विटामिन D की कमी या अधिक श्रम से हड्डियां और स्नायु कमजोर हो जाते हैं।
मांसपेशियों में तनाव – लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठना या खड़े रहना।
किडनी या पाचन से जुड़ी गड़बड़ियां – कभी-कभी कमर दर्द का कारण गुर्दे की समस्या या अग्निमांद्य (पाचन कमजोरी) भी होती है।
भारी वस्तु उठाना या चोट लगना – स्नायु और लिगामेंट में खिंचाव।
आयुर्वेदिक ग्रंथों में वर्णन
चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में कटिशूल और कटिग्रह का वर्णन मिलता है, जो आज के समय के कमर दर्द से मेल खाता है। आयुर्वेद में इसका प्रमुख कारण वातजन्य विकार बताया गया है और इसके लिए स्नेहन (तेल मालिश), स्वेदन (स्टीम), बस्ती (औषधीय एनिमा) और औषधि सेवन की सलाह दी जाती है
चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में कटिशूल और कटिग्रह का वर्णन मिलता है, जो आज के समय के कमर दर्द से मेल खाता है। आयुर्वेद में इसका प्रमुख कारण वातजन्य विकार बताया गया है और इसके लिए स्नेहन (तेल मालिश), स्वेदन (स्टीम), बस्ती (औषधीय एनिमा) और औषधि सेवन की सलाह दी जाती है
घरेलू उपचार (Home Remedies)
मेथी दाना और हल्दी दूध
1 चम्मच मेथी दाना पाउडर और ½ चम्मच हल्दी को गुनगुने दूध में मिलाकर सोने से पहले पिएं।
यह हड्डियों को मजबूत और सूजन कम करता है।
मेथी दाना और हल्दी दूध
1 चम्मच मेथी दाना पाउडर और ½ चम्मच हल्दी को गुनगुने दूध में मिलाकर सोने से पहले पिएं।
यह हड्डियों को मजबूत और सूजन कम करता है।
गर्म तिल का तेल मालिश
तिल के तेल में लहसुन और अजवाइन डालकर गर्म करें, ठंडा होने पर कमर पर हल्के हाथ से मालिश करें।
वात दोष शांत और मांसपेशियों का तनाव कम होता है।
अजवाइन और नमक की पोटली सेक
अजवाइन और मोटा नमक हल्का भूनकर कपड़े में बांध लें और हल्के से सेक करें।
यह रक्त संचार बढ़ता और दर्द कम करता है।
अजवाइन और मोटा नमक हल्का भूनकर कपड़े में बांध लें और हल्के से सेक करें।
यह रक्त संचार बढ़ता और दर्द कम करता है।
गिलोय और अश्वगंधा चूर्ण
गिलोय और अश्वगंधा पाउडर (2-3 ग्राम) सुबह-शाम गुनगुने दूध या पानी से लें।
हड्डियों और स्नायु को ताकत देता है।
गिलोय और अश्वगंधा पाउडर (2-3 ग्राम) सुबह-शाम गुनगुने दूध या पानी से लें।
हड्डियों और स्नायु को ताकत देता है।
कमर दर्द में लाभकारी आहार
- गर्म, ताजा और हल्का पचने वाला भोजन
- हरी पत्तेदार सब्जियां, मूंग दाल, तिल, बादाम, अखरोट
- हल्दी, अदरक, लहसुन, मेथी, गिलोय का प्रयोग
- पर्याप्त पानी और धूप से विटामिन D की पूर्ति
बचाव के लिए क्या न करें
- देर तक एक ही पोजीशन में बैठना
- ठंडी सतह पर सोना
- जंक फूड, ठंडे पेय, अत्यधिक मसालेदार भोजन
- अधिक भार उठाना या झटके से मुड़ना
योग और जीवन शैली
- भुजंगासन, मकरासन, शलभासन – कमर की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं।
- सुबह 15 मिनट सूर्य नमस्कार
- रोजाना 30–40 मिनट टहलना
- मानसिक तनाव कम करने के लिए प्राणायाम और ध्यान
निष्कर्ष –
कमर दर्द केवल अस्थायी परेशानी नहीं, यह आपके शरीर में वात असंतुलन, धातु क्षीणता और जीवनशैली की गड़बड़ी का संकेत है। आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू नुस्खों से न सिर्फ दर्द से राहत मिल सकती है, बल्कि हड्डियों और स्नायु को दीर्घकालिक मजबूती भी मिलती है।
कमर दर्द केवल अस्थायी परेशानी नहीं, यह आपके शरीर में वात असंतुलन, धातु क्षीणता और जीवनशैली की गड़बड़ी का संकेत है। आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू नुस्खों से न सिर्फ दर्द से राहत मिल सकती है, बल्कि हड्डियों और स्नायु को दीर्घकालिक मजबूती भी मिलती है।