आज की भाग दौड़ की जिंदगी में हम फिर से आयर्वेद की ओर लोट रहे है। इसी कड़ी में आज हम एक ऐसी ओषधि के बारे में जानेगे , इसने आज हर घर में अपनी जगह बना ली है। इसे एलोविरा या घृतकुमारी के नामसे भी जाना जाता है। इसे सौंदर्य पाचन और रोग प्रतिरोधक शक्ति के लिए वरदान माना गया है। प्राचीन ग्रंथ चरक सहिता और सुश्रुत संहिता में एलोवेरा के औषधीय गुणों का विस्तार से वर्णन मिलता है।
आयुर्वेद में एलोवेरा का महत्व
आचार्य चरक, सुश्रुत और भावप्रकाश निघण्टु में इसके गुण, कर्म और उपयोग का सुंदर वर्णन मिलता है।
भावप्रकाश निघण्टु (कुमार्यादि वर्ग)“घृतकुमारी तिक्तोष्णा बृंहणी दीपनी स्म
अर्थ – घृतकुमारी का रस स्वाद में कड़वा, गुण में उष्ण, बृंहण करने वाली और अग्निदीपक है। यह रक्तपित्त (ब्लीडिंग डिसऑर्डर), प्रमेह (डायबिटीज) को नष्ट करती है तथा कफ और वात का शमन करती है।
राज निघण्टु (श्लोक : अर्थ – कुमारिका (घृतकुमारी) का रस तिक्त (कड़वा) है, रुचिकर (भूख बढ़ाने वाला), बृंहणकारी (शरीर को पुष्ट करने वाला), वृष्य (शक्ति व वीर्य बढ़ाने वाला), रसायनी (आयु बढ़ाने वाला) और वात-पित्त का शमन करने वाला है। यह कृमि (कीड़े) नष्ट करती है और विषहर है।
अर्थ – कड़वी, कटु और शीतल औषधियाँ व्रणरोपण में उपयोगी होती हैं। इनमें से घृतकुमारी विशेष रूप से घाव भरने में श्रेष्ठ है।
घरेलू नुस्खों में एलोवेरा का उपयोग
पाचन और कब्ज़ में लाभकारी
- एलोवेरा का गूदा सुबह खाली पेट खाने से कब्ज़ दूर होती है और पेट साफ रहता है।
- यह अग्नि (Digestive Fire) को संतुलित कर गैस और एसिडिटी को कम करता है।
त्वचा की सुंदरता के लिए
- एलोवेरा जेल को चेहरे पर लगाने से दाने, झाइयाँ और पिग्मेंटेशन कम होते हैं।
- यह त्वचा को नमी (Moisture) देकर Glow बढ़ाता है।
- धूप से झुलसी त्वचा और जलन पर लगाने से तुरंत राहत मिलती है।
बालों की मजबूती के लिए
- एलोवेरा जेल को नारियल तेल या मेहंदी में मिलाकर लगाने से बाल झड़ना रुकता है।
- यह सिर की रूसी दूर करता है और बालों को मुलायम बनाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में
- एलोवेरा जूस में हल्दी और शहद मिलाकर पीने से इम्युनिटी मजबूत होती है।
- बार-बार होने वाले सर्दी-जुकाम और एलर्जी में भी लाभकारी है।
महिलाओं के लिए वरदान
- आयुर्वेद में इसे स्त्रीरोग नाशक कहा गया है।
- मासिक धर्म की अनियमितता, कमजोरी और दर्द में एलोवेरा रस लाभकारी है।
- गर्भाशय की शुद्धि और शक्ति बनाए रखने में सहायक
- गर्भाशय की शुद्धि और शक्ति बनाए रखने में सहायक।
घाव और जलन में
- जलने या कटने पर एलोवेरा जेल लगाने से घाव जल्दी भरते हैं।
- यह त्वचा पर प्राकृतिक एंटीसेप्टिक की तरह काम करता है
आयुर्वेदिक फार्मुलेशन (Classical Uses)
- कुमारी आसव – पाचन तंत्र और स्त्री रोगों में उपयोगी।
- घृतकुमारी रस – कब्ज़, भूख की कमी और आंतों की समस्या में।
- कुमारी लोढ़ रस – यकृत (लिवर) की बीमारियों और खून की कमी में सहायक।
सावधानियां
- एलोवेरा का रस अत्यधिक मात्रा में लेने से दस्त और पेट दर्द हो सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को इसे बिना चिकित्सक की सलाह के सेवन नहीं करना चाहिए।
- हमेशा ताज़ा और शुद्ध एलोवेरा ही उपयोग करें।
निष्कर्ष
एलोवेरा सिर्फ एक पौधा नहीं, बल्कि घर-घर का वैद्य है। यह हमें स्वस्थ रखने के साथ-साथ हमारी त्वचा और बालों को भी प्राकृतिक रूप से सुंदर बनाता है। यदि इसे आयुर्वेदिक दिनचर्या में शामिल किया जाए, तो यह अनेक रोगों से सुरक्षा कवच प्रदान करता है।