बेकिंग सोडा यह सिर्फ पकवानों को फुलाने वाला पाउडर नहीं, बल्कि आपकी सेहत का सस्ता और असरदार साथी भी है।

आपकी रसोई में रखा हुआ सफ़ेद पॉउडर खाने वाला सोडा या बेकिंग सोडा सिर्फ पकवान फूलने के लिए नहीं है , बल्कि यह शरीर , त्वचा और सेहत टी के लिए एक बहुमूलय प्राकृतिक ओषधि भी है ,आधुनिक विज्ञानं इसे सोडियम बाइकार्बोनेट के नाम से जानते है जबकि आयुर्वेद में इसकेगुण उष्णवीर्य , कषाय-तिक्त स्वाद और वात-कफ-शामक मने गए है।

आयर्वेदिक दर्ष्टिकोण :आयुर्वेद में बेकिंग सोडा को प्राकृतिक अल्कलाइन पदार्थ माना गया है, जो शरीर के अम्ल (Acid) को संतुलित करता है। यह पेट में जमी अमा (टॉक्सिन) को दूर करता है और पाचन अग्नि को मन्द न होकर संतुलित बनाए रखता है।

दोष प्रभाव – बेकिंग सोडा पित्त दोष को शांत करता है, और अतिरिक्त अम्लता (Acidity) में तुरंत राहत देता है।

गुणधर्म – उष्णवीर्य, कफहर, वातहर, सूक्ष्म प्रवेशी (त्वरित असर करने वाला)।

 खाने वाले सोडा के प्रमुख फायदे

1. एसिडिटी और पेट की जलन में रामबाण 1/2 चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास गुनगुने पानी में घोलकर पीने से पेट के अम्ल को तुरंत निष्क्रिय करता है, जिससे जलन और गैस में आराम मिलता है।                                                                                                                    2. पाचन में सुधारभारी, तैलीय भोजन के बाद सोडा वाला पानी पीने से गैस, डकार और अपच में राहत मिलती है। आयुर्वेद में इसे दीपन-पाचन गुणों वाला माना गया है।                                                                                                                                                                   3. गले की खराश में लाभकारी गुनगुने पानी में 1/4 चम्मच बेकिंग सोडा और नमक डालकर गरारे करने से गले का संक्रमण और खराश जल्दी ठीक होती है।                                                                                                                                                                                     4 मसूड़ों और दांतों की सफाई बेकिंग सोडा से ब्रश करने या मंजन बनाने से दांतों का पीलापन कम होता है, सांस की बदबू दूर होती है और मसूड़े मजबूत होते हैं।                                                                                                                                                                                      5. त्वचा की देखभाल स्क्रब – पानी या गुलाब जल में सोडा मिलाकर हल्के हाथ से रगड़ने से मृत त्वचा निकल जाती है।                              6 सनबर्न – ठंडे पानी में बेकिंग सोडा घोलकर लगाने से जलन और लालिमा कम होती है।                                                                          7  पसीने और बदबू में राहत बेकिंग सोडा में प्राकृतिक डिओडोरेंट गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया को खत्म कर पसीने की बदबू को रोकते हैं।        8. कीड़े के काटने और खुजली में आराम  सोडा और पानी का पेस्ट बनाकर लगाने से सूजन, खुजली और जलन कम होती है।                                                                                         सावधानियां 

  • रोज़ाना और लंबे समय तक सेवन से बचें, वरना शरीर का पीएच स्तर असंतुलित हो सकता है।
  • हाई ब्लड प्रेशर या किडनी रोगियों को डॉक्टर से सलाह लेकर ही सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसमें सोडियम की मात्रा अधिक होती है।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसे आंतरिक सेवन में सीमित रखें।

       निष्कर्ष –
खाने वाला सोडा रसोई का छोटा-सा डिब्बा होते हुए भी सेहत, सौंदर्य और घरेलू उपचारों का बड़ा खजाना है। आयुर्वेद इसे संतुलित मात्रा में और जरूरत पड़ने पर लेने की सलाह देता है। यह अम्लता से राहत, पाचन सुधार, त्वचा की सफाई और संक्रमण से बचाव में प्रभावी है।

 

Related posts

Leave a Comment