आयुर्वेद में कई ऐसी अद्भुत औषधियां वर्णित हैं जो आम दिखने के बावजूद असाधारण गुण रखती हैं। उन्हीं में से एक है अरंड, जिसे संस्कृत में एरण्ड, हिंदी में अरंडी और अंग्रेज़ी में Castor कहा जाता है। इसका प्रयोग न...
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सहजन: जो की आज के जमाने का सुपरफूड कहा जाता है , सहजन एक, गुण अनेक! आयुर्वेद का अमृत समान वरदान
सहजन जिसे इंग्लिश में Moringa और संस्कृत में शिग्रु कहा जाता है, आयुर्वेद में एक बहुगुणी औषधि मानी जाती है। इसकी पत्तियां, फली, छाल, जड़, बीज सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। सहजन को 'सुपरफूड' की श्रेणी में रखा...
हड़जोड़ अद्भुत जड़ी-बूटी है जो न केवल हड्डियों को मजबूत करती है बल्कि टूटी हड्डियों को जोड़ने में भी मदद करती है
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में गिरना, फ्रैक्चर होना, हड्डियों का कमजोर होना और जोड़ों का दर्द आम समस्या बनती जा रही है। बाज़ार की दवाइयाँ जहाँ केवल दर्द दबाती हैं, वहीं आयुर्वेद में एक ऐसी अद्भुत जड़ी-बूटी का वर्णन...
जहाँ पीड़ा, वहाँ समाधान है – आयुर्वेदिक औषधीय तेल आपकी रक्षा कर सकता है, तो वह है – महानारायण तेल
मानसून आते ही वात और कफ से जुड़ी समस्याएं जैसे जोड़ों का दर्द, स्नायु शिथिलता, मांसपेशियों में जकड़न, सर्दी और थकान आम हो जाती हैं। ऐसे में यदि कोई एक बहुउपयोगी आयुर्वेदिक औषधीय तेल आपकी रक्षा कर सकता है, तो...
द्राक्षासवः आयुर्वेदिक टॉनिक – सेहत का मीठा राज़ , वात और पित्त को संतुलित करता है
द्राक्षासव आयुर्वेद का एक अत्यंत प्रसिद्ध और प्रभावशाली आसव आरिष्ट वर्ग का हर्बल टॉनिक है, जो विशेष रूप से द्राक्षा (अंगूर) से निर्मित होता है। यह एक मधुर और बलवर्धक औषधि है जो विशेष रूप से पाचन, भूख, थकावट, एनीमिया...
त्रिमद चूर्ण : तीन जड़ी-बूटियों का संयोजन, स्वास्थ्य की गारंटी
त्रिमद चूर्ण आयुर्वेद का एक क्लासिकल फॉर्मूला है, जो नागरमोथा (Nagarmotha), चित्रक (Chitrak) और विदंग (Vidanga) - इन तीन शक्तिशाली जड़ी-बूटियों के समान अनुपात में मिलाकर तैयार किया जाता है। चाहे आपके पाचन से संबंधित समस्या हो, वात व कफ...
“मेथी—छोटा पैकेट, बड़ा धमाका!” शरीर के कफ, पित्त और वात—तीनों दोषों को संतुलित करने में समर्थ है।
आयुर्वेद में कहा गया है—"यथानाम तथा गुणाः" यानी जिस पदार्थ का नाम जैसा होता है, उसमें वैसे ही गुण होते हैं। ‘मेथी’—छोटा सा बीज, पर गुणों में विशाल। यह हर भारतीय रसोई में पाई जाती है, लेकिन बहुत कम लोग...
गोक्षुर मूत्र विकारों का शुद्ध प्राकृतिक इलाज !गोक्षुरं बलवर्धनं मूत्रकृच्छ्रहरं परम् ।।
गोक्षुर (Tribulus terrestris), एक छोटी काँटेदार बेल है जो भारत के मैदानी क्षेत्रों में विशेष रूप से पाई जाती है। आयुर्वेद में इसे “वृष्य”, “बल्य" और "मूत्रल” गुणों के कारण अत्यंत प्रभावशाली औषधि माना गया है। इसका उपयोग हजारों वर्षों...
तुलसी-आयुर्वेद की सर्वोत्तम ओषधि ही नहीं बल्कि हर घर आध्यतम की देवी माता! भी है ।
बारिश का मौसम जैसे ही आता है वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे संक्रमण रोग , वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम, पेट से संबंधी रोग और स्किन इंफेक्शन जैसे अन्य समस्याएं तेज़ हो जाती हैं। ऐसे में यदि कोई एक जड़ी-बूटी...
पाचन से प्रतिरोधक शक्ति तक! वात-कफ नाशक रत्न है अजवाइन .
घर की रसोई में रखा एक छोटा सा मसाला - अजवाइन (Ajwain) - न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि यह पाचन तंत्र से लेकर सर्दी-खांसी, त्वचा रोग और वजन नियंत्रण तक में चमत्कारी लाभ करता है। आयुर्वेद इसे...