सहजन जिसे इंग्लिश में Moringa और संस्कृत में शिग्रु कहा जाता है, आयुर्वेद में एक बहुगुणी औषधि मानी जाती है। इसकी पत्तियां, फली, छाल, जड़, बीज सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। सहजन को 'सुपरफूड' की श्रेणी में रखा...
Category: डाइट और फिटनेस
नीबू प्रकृति का अनमोल उपहार है जो शरीर का विशेष ध्यान रखता है
हम सब जानते है की निम्बू का स्वाद खट्टा और तीखा होता है यानी कि यह स्वभाव में अम्लीय होता है जबकि नींबू शरीर मी जाकर अम्लपित्त को शांत करता है और पाचन को बेहतर करता है आयुर्वेदिक दृष्टिकोण आयुर्वेद के अनुसार निम्बू का...
भोजन के बाद कुछ कदम चलने से आपकी सेहत के लिए बड़ा वरदान साबित हो सकता
भोजन के बाद कुछ चलने से आपकी सेहत कितना बड़ा वरदान साबित हो सकता हैआयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों इस बात पर सहमत है की भोजन के बाद १०० कदम चलना किसी ओषधि से कम नहीं , या कह सकते...
पित्त दोष बढ़ने से पित्त अधिक गाढ़ा हो जाता है धीरे-धीरे यह जमाव पथरी का रूप ले लेता है- जाने इसके बारे में
पित्त की पथरी आज के समय में एक आम बीमारी बन गई है। बदलती जीवन शैली , बहुत ज्यादा मात्रा में तैलीय , चिकनाई युक्त भोजन , बढ़ता तनाव और अनियमित दिनचर्या इसका प्रमुख कारण है। पित्ताशय (Gallbladder) में जब...
उल्टी: शरीर के दोषो के असंतुलित अवस्था का संकेत है
क्या अपने कभी महसूस किया है की अचानक पेट में मरोड़ उठी और उल्टी हो गई ?अक्सर लोग इसे पाचन की की गड़बड़ी मन कर नजरअंदाज कर देते है जबकि आयर्वेद छर्दि रोग कहा गया , और यह शरीर के...
आयुर्वेद को अपनाएं, हृदय को स्वस्थ बनाएं..
कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा चिकना पदार्थ होता है ,जो हमारे शरीर में प्रतीक कोशिका में पाया जाता है। यह शरीर के हार्मोन ,विटामिन डी को पचाने में सहायक पित्त रस के उत्पादन के लिए आवश्यक है। लेकिन जब इसकी मात्रा...
बड़ी इलाइची स्वाद के साथ सेहत का भी खजाना भी है
आज के समय में मसालों को केवल रसोई तक ही सीमित समझा जाता है, लेकिन आयुर्वेद में हर मसाले को औषधि का दर्जा मिला है। इन्हीं में से एक है काली इलायची (Big Cardamom / Badi Elaichi)। यह न केवल...
स्वस्थ दांत, उज्ज्वल मुस्कान और निरोगी जीवन की पहली सीढ़ी हैं।”
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग दांतों की देखभाल पर उतना ध्यान नहीं दे पाते, जिसके कारण दांतों में सड़न, पायरिया, मसूड़ों से खून आना और सांस की बदबू जैसी समस्याएँ आम हो गई हैं। मुँह की सेहत केवल...
कंधे के दर्द और जकड़न जिसे चिकित्सा भाषा में फ्रोजन शोल्डर कहा जाता है ,यह रोग मुख्यतः वात दोष की वृद्धि से होता
कंधे के दर्द और जकड़न जिसे चिकित्सा भाषा में फ्रोजन शोल्डर कहा जाता है आज कल सिर्फ बुजर्गो में ही नहीं ,बल्कि बल्कि युवा और माध्यम आयु वर्ग में भी तेजी से बढ़ रहा है। आधुनिक चिकत्सा में इसे Adhesive...
कमर दर्द केवल हड्डियों या मांसपेशियों का मामला नहीं बल्कि यह वात दोष की वृद्धि और शरीर की क्षीणता का भी संकेत हो सकता है
आज के समय में हर उम्र के लोग कमर दर्द से परेशान रहते है। झा यह समस्या पहले उम्रदराज लोगो में देखि जाती थी। वही अब २०-३० साल के युवा भी इस से परेशान रहते है। आयुर्वेद के अनुसार कमर...