रसोई की मसालेदार खुशबू में छुपा एक ऐसा तत्व जो न केवल खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि शरीर की कई बीमारियों से रक्षा भी करता है। जी हाँ, हम बात कर रहे • दालचीनी (Cinnamon) की। आयुर्वेद में इसे त्वचा, रक्त और अग्नि (पाचन) से जुड़ी समस्याओं का प्रमुख समाधान माना गया है।
दालचीनी (Cinnamomum zeylanicum) एक पेड़ की छाल है, जिसे सुखाकर छोटे-छोटे रोल में प्रयोग किया जाता है। यह तेज़ सुगंध, मीठे तीखे स्वाद और गर्म तासीर वाली होती है।                                                                                                                                                                                                                                                      इसे अंग्रेज़ी में Cinnamon, संस्कृत में Tvak, और यूनानी में Darchini कहा जाता है।
यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ रोग निवारण की अद्भुत क्षमता रखती है।


आयुर्वेद में दालचीनी का महत्व
● दोषों पर प्रभावः
• वात: कम करती है
• कफः प्रभावशाली शमन
• पित्त: संतुलन बनाए रखती है (अधिक मात्रा से पित्त बढ़ा सकती है)
• रस (स्वाद): कटु (तीखा), मधुर (मीठा )
• गुण: लघु (हल्का), स्निग्ध (चिकनापन लिए)
• वीर्य (तासीर): उष्ण (गर्म)
• विपाकः कटु
“त्वगोष्णा रुचिकृत् दीपनी त्वचा रोग विषापहा । वातश्लेष्महरा त्वक्का हृदयाय बलप्रदा । “
– भावप्रकाश निघंटु
( दालचीनी रुचिवर्धक, अग्निवर्धक, त्वचा रोग नाशक, विषहर, वात-कफ नाशक, हृदय के लिए बलदायक होती है।)
दालचीनी के प्रमुख घरेलू उपयोग:
सर्दी-खांसी और जुकाम में रामबाण: दालचीनी कफ को पिघलाती है और गले की खराश में राहत देती है।
सेवन विधि: दालचीनी, अदरक और काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पिएं। या, दालचीनी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर चाटें।
वजन कम करने में सहायक: दालचीनी शरीर की चयापचय प्रक्रिया (metabolism) को तेज करती है और वसा को जलाने में मदद करती है।
सेवन विधि: सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में दालचीनी पाउडर और नींबू डालकर पिएं।
दांत दर्द और मुंह की दुर्गंध में: उपयोग: दालचीनी का तेल रुई में लगाकर दर्द वाले दांत पर रखें। दालचीनी और लौंग का पाउडर मिलाकर मंजन करें।
त्वचा की सुंदरता के लिए: दालचीनी में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।
उपयोग: दालचीनी पाउडर में शहद मिलाकर फेस पैक बनाएं। सप्ताह में 1-2 बार लगाएं।
हृदय और रक्त परिसंचरण में सुधार: दालचीनी और शहद को मिलाकर दिन में एक बार लें। यह हृदय की धमनियों को साफ करता है और कोलेस्ट्रॉल कम करता है।
 सावधानियाँ (Precautions)
अधिक मात्रा में सेवन करने से पित्त बढ़ सकता है।
गर्भवती महिलाएं सीमित मात्रा में ही उपयोग करें।
बच्चों को बहुत कम मात्रा में दें।
यदि कोई ब्लड थिनर दवाएं ले रहा हो, तो डॉक्टर की सलाह लें।
अन्य उपयोगी स्वरूप
दालचीनी का तेल त्वचा संक्रमण, दांत दर्द
दालचीनी पाउडर – चाय, फेस पैक, आयुर्वेदिक मंजन
दालचीनी का अर्क (Extract) – सप्लीमेंट्स और काढ़ों में
शुगर नियंत्रित करने में अत्यंत प्रभावशाली मानी गई है। सेवन विधि: 1/2 चम्मच दालचीनी पाउडर गुनगुने पानी के साथ सुबह खाली पेट लें।
यह इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाता है और टाइप 2 डायबिटीज़ में मदद करता है।
निष्कर्ष:
दालचीनी केवल एक मसाला नहीं, बल्कि एक पूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है जो शरीर को अंदर से शुद्ध करती है, अग्नि को तेज करती है और मानसून जैसे संवेदनशील मौसम में रोगों से लड़ने की शक्ति देती है। यदि आप रोज़ाना सीमित मात्रा में दालचीनी का प्रयोग करें, तो आप कई गंभीर बीमारियों से भी बच सकते हैं।

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