सहजन: जो की आज के जमाने का सुपरफूड कहा जाता है , सहजन एक, गुण अनेक! आयुर्वेद का अमृत समान वरदान

सहजन  जिसे इंग्लिश में Moringa और संस्कृत में शिग्रु कहा जाता है, आयुर्वेद में एक बहुगुणी औषधि मानी जाती है। इसकी पत्तियां, फली, छाल, जड़, बीज सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। सहजन को ‘सुपरफूड’ की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि इसमें पोषण, रोग प्रतिरोधक क्षमता और अनेक रोगों से लड़ने की अद्भुत शक्ति है।
सहजन के प्रमुख पोषक तत्व:

  • 7 विटामिन A, C, B6 कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण सहजन के आश्चर्यजनक लाभ मिलते है ।

इम्युनिटी बूस्टर:

  • सहजन की पत्तियों में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

हृदय स्वास्थ्य के लिए:

  • सहजन कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हृदय को स्वस्थ बनाए रखता है।

डायबिटीज में फायदेमंद:

  • यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी है।
  • घरेलू नुस्खे:

इम्युनिटी के लिए:

  • सहजन की पत्तियों को सुखाकर चूर्ण बना लें। रोज सुबह 1 चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें।

शुगर कंट्रोल के लिए:

  • सहजन की पत्तियों का जूस सुबह खाली पेट पीएं।
  • नियमित सेवन से शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।

संक्रमण और घाव के लिए:

  • सहजन की पत्तियों को पीसकर लेप प्रभावित स्थान पर लगाएं।
  •  यह एंटीबैक्टीरियल गुण से सूजन व घाव को जल्दी भरता है

त्वचा की सुंदरता के लिए:

  • पत्तियों का पेस्ट बनाकर चेहरे पर फेसपैक की तरह लगाएं।
  • यह त्वचा की गहराई से सफाई करता है और ग्लो लाता है। |

बालों के झड़ने में:

  • सहजन के बीजों से तेल निकालकर स्कैल्प में मालिश करें। •
  • यह बालों की जड़ों को मजबूत करता है और बालों का झड़ना रोकता है।

‘कैसे करें रोजाना सेवन:

  • सहजन की सब्जी या सूप बनाकर भोजन में शामिल करें।
  • सहजन पाउडर का नियमित सेवन करें।
  •  जूस के रूप में या चाय बनाकर पिएं।

हड्डियों को बनाए मजबूत :

  • इसमें कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है जो हड्डियों को मजबूत करता है।

मस्तिष्क के लिए लाभकारी:

  •  सहजन तनाव और थकान को दूर करता है, दिमाग को ऊर्जा देता है।

 पाचन तंत्र सुधारता है:

  • फाइबर युक्त सहजन कब्ज, गैस, और अपच जैसी समस्याओं से राहत देता है।

त्वचा और बालों के लिए वरदान:

  • एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को चमकदार बनाते हैं, और बालों की जड़ों को पोषण देकर उन्हें मजबूत करते हैं।
    सकता है।

कौन न करें सेवन ?

  • अत्यधिक मात्रा में सेवन से पेट में जलन या गर्मी हो सकती है।
  •  गर्भवती महिलाओं को सहजन की जड़ों या बीजों का सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।

निष्कर्ष:
सहजन न केवल एक पौधा है बल्कि प्रकृति की ओर से मिला एक संपूर्ण औषधीय खजाना है। इसके नियमित सेवन से शरीर, मस्तिष्क और मन – तीनों स्वस्थ रहते हैं। यह आयुर्वेद का ऐसा वरदान है जो हमें रोगों से लड़ने की शक्ति देता है और सम्पूर्ण स्वास्थ्य का रक्षक है।

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