आजकल की दौड़-भाग भरी ज़िंदगी, तनाव, असंतुलित खानपान और नींद की कमी के कारण मधुमेह (डायबिटीज़ ) आम हो गया है। लेकिन इससे भी खतरनाक स्थिति है – बार-बार अचानक ब्लड शुगर का बढ़ जाना। यह न केवल आंखों, किडनी, नर्वस सिस्टम और हृदय को प्रभावित करता है, बल्कि दैनिक जीवन को भी कठिन बना देता है। बार-बार शुगर क्यों बढ़ती है? 1. अनियमित खानपान:देर रात खाना, बार-बार तला हुआ भोजन, सफेद आटा और चीनी का सेवन । 2. मानसिक तनाव: Cortisol हार्मोन का बढ़ना ब्लड शुगर को असंतुलित करता है। 3. नींद की कमी: 6-8 घंटे की गहरी नींद न लेना भी शुगर को प्रभावित करता है। 4. शारीरिक निष्क्रियता: दिन भर बैठना, चलने-फिरने की कमी। 5. औषधियों की अनियमितताः दवाइयों को समय पर न लेना या खुद ही छोड़ देना। आयुर्वेद क्या कहता है?
आयुर्वेद में मधुमेह को ‘प्रमेह’ और गंभीर रूप में ‘मधुमेह’ कहा गया है। चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अष्टांग हृदय में इसके कई प्रकार और उपचार बताए गए हैं। अचानक ब्लड शुगर बढ़ना “वात-कफ असंतुलन” और अग्नि मंदता का संकेत होता है। आयुर्वेदिक उपाय जो तुरंत राहत दे: 1. करेला जामुन का रस (Karela Jamun Juice) : सुबह खाली पेट 30ml ताजा रस लें। यह अग्न्याशय (Pancreas) की बीटा कोशिकाओं को सक्रिय करता है 2. मेथी के बीज (Fenugreek Seeds):
रात को एक चम्मच बीज भिगो दें और सुबह खाली पेट खाएं या पानी पी लें। 3. गुड़मार (Gymnema Sylvestre):
‘मधुमेह नाशक’ के नाम से प्रसिद्ध यह जड़ी बूटी स्वाद की मीठास को दबाती है और इन्सुलिन उत्पादन में मदद करती है। 4. नीम की पत्तियां:
पत्तियां रोज सुबह चबाएं। इसमें शक्तिशाली ब्लड प्यूरीफायर और ग्लूकोज कंट्रोलिंग तत्व होते हैं। 5. त्रिफला चूर्ण:
सोने से पहले रत को एक चम्मच त्रिफला गर्म पानी के साथ लें। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है। 6. अश्वगंधा (Ashwagandha):
यह तनाव कम करता है, Cortisol को नियंत्रित करता है और शुगर लेवल को स्थिर करता है। घरेलू काढ़ा प्राकृतिक इंसुलिन बूस्टर सामग्री : 1/2 चम्मच मेथी, 5 तुलसी पत्ते, 5 नीम पत्ते, 1/4 चम्मच हल्दी, 1 गिलास पानी विधि: इन सभी को उबालें और सुबह खाली पेट गुनगुना पी लें। खानपान में करें ये बदलाव: 1 Low Gl आहार लें: जैसे दलिया, रागी, चना, ओट्स आदि । 2 फलों का सही चयन: जामुन, अमरूद, पपीता लेकिन सीमित मात्रा में। 3 मीठा चीनी बंद : चीनी और मैदे से परहेज़ करें। 4 अल्पहार ले : छोटे अंतराल पर हल्का भोजन करें। 5 प्रकति से ले मीठा : प्राकृतिक मिठास के लिए स्टीविया या नारियल शुगर का प्रयोग करें। आयुर्वेदिक जीवनशैली सुझाव: हर दिन प्राणायाम करें: कपालभाति, अनुलोम-विलोम और भ्रामरी । 30 मिनट की सैर करें। दिनचर्या नियमित रखें।
• शयन से पहले पैरों की सरसों तेल से मालिश करें – इससे वात शांत होता है।
• तनाव से बचें – संगीत, ध्यान और हर्बल चाय अपनाएं।
अधिक चावल, आलू, सफेद ब्रेड, कोल्ड ड्रिंक, मिठाइयां, फास्ट फूड, शराब, धूम्रपान, देर रात तक जागना ये चीजें टालनी चाहिए! निष्कर्ष:
ब्लड शुगर का उतार-चढ़ाव गंभीर बात है, लेकिन घबराने की नहीं। आयुर्वेद न केवल इसे नियंत्रित करने का तरीका देता है, बल्कि जड़ से समस्या को ठीक करने में मदद करता है। नियमित खानपान, हर्बल उपचार और योग से आप स्थायी राहत पा सकते हैं। बहुत ज्यादा शुगर बढ़ने पर चिकित्स्क से सलाह ले ।
श्री जगन्नाथ चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्य्म से समय समय पर निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन करना , शीत ऋतु में निर्धनों को कंबल वितरण करना , सबका साथ सबका विकास