आज के भगा दौड़ के पर्तिस्पर्धा के जीवन में मानसिक तनाव एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है। ऑफिस के काम का दबाव।, आर्थिक परेशानिया , पारिवारिक जिम्मेदारिया और अनियमित जीवनशैली हमारे मन को देती है। लबे समयतक बना हुआ तनाव न केवल मानसिक शांतिछीन लेता है। बल्कि यह अनिंद्रा , उच्च रक्तचाप ,पाचन की समस्या , मधुमेह और अवसाद तक का कारण बन सकता है।
- वात दोष की वृद्धि – अत्यधिक चिंता, भय, असुरक्षा की भावना।पित्त दोष का असंतुलन – क्रोध, अधीरता, ज्यादा महत्वाकांक्षा से मन का गरम होना।
- नींद की कमी – मस्तिष्क की कोशिकाओं को पर्याप्त आराम न मिलना।
- असात्त्विक आहार – तला-भुना, पैकेट फूड, ज्यादा मिर्च-मसाले।
जीवनशैली में अनियमितता – देर रात सोना, भोजन समय पर न करना, व्यायाम की कमी।
- ब्राह्मी मस्तिष्क की कोशिकाओं को पोषण देती है और स्मरण शक्ति व एकाग्रता बढ़ाती है।
- 1-2 चम्मच ब्राह्मी घृत या शंखपुष्पी सिरप रात में सोने से पहले दूध के साथ
- यह प्राकृतिक एडाप्टोजेन है, जो तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल को नियंत्रित करता है।
- 3-5 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण गुनगुने दूध के साथ सुबह-शाम लें।
गुनगुना दूध और जायफल
- रात में सोने से पहले दूध में चुटकी भर जायफल पाउडर मिलाकर पीना अनिद्रा और चिंता में लाभकारी है।
तुलसी और गिलोय का काढ़ा
- शरीर को डिटॉक्स करता है और मानसिक स्पष्टता लाता है।
- सुबह खाली पेट 15-20 ml गिलोय रस या तुलसी-पानी का सेवन करें।
अभ्यंग (तेल मालिश)
- नारियल तेल या तिल के तेल से सिर और पैरों की हल्की मालिश तनाव और अनिद्रा दूर करती है।
- ब्राह्मी तेल या नारायण तेल भी लाभकारी हैं
योग और प्राणायाम
योगासन
- बालासन – मन को शांति देता है।
- शवासन – मानसिक और शारीरिक तनाव को दूर करता है।
- सुखासन – ध्यान के लिए उत्तम आसन।
प्राणायाम
- अनुलोम-विलोम – मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है।
- भ्रामरी – मानसिक अशांति और चिड़चिड़ापन कम करता है।
- दीर्घ श्वसन (Deep Breathing) – तुरंत तनाव घटाने में सहायक।
तनाव कम करने वाला आहार
- क्या खाएं – ताजे फल (केला, सेब, पपीता), हरी सब्जियां, मूंग की दाल, घी, दूध, अखरोट, बादाम।
- क्या न खाएं – जंक फूड, अत्यधिक कॉफी-चाय, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, अधिक मिर्च-मसाले
आयुर्वेद के अनुसार, सात्त्विक आहार मन को स्वच्छ और शांत रखता है।
अन्य घरेलू टिप्स
- संगीत चिकित्सा – राग भैरवी या शांत भक्ति संगीत सुनना।
- सुगंध चिकित्सा (Aromatherapy) – चंदन, लैवेंडर या गुलाब का अत्तर सूंघना।
- सूर्योदय देखना – सुबह की धूप में बैठने से सेरोटोनिन (Happy Hormone) का स्तर बढ़ता है।
- डिजिटल डिटॉक्स – सोने से 1 घंटा पहले मोबाइल और लैपटॉप से दूरी।
- प्रकृति संग समय – पार्क, बगीचे या नदी किनारे समय बिताना।
आयुर्वेद का संदेशआयुर्वेद कहता है –
“मन: प्रसाद: सौख्यं, आयुर्वृद्धि कराणि च।”
अर्थात, मन की प्रसन्नता ही सुख, दीर्घायु और स्वास्थ्य का मूल है।
तनाव पर विजय पाने के लिए मन, आहार और जीवनशैली तीनों का संतुलन जरूरी है।
निष्कर्ष
मानसिक तनाव जीवन का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह जीवन की गुणवत्ता को बिगाड़े नहीं – यह हमारे हाथ में है। आयुर्वेदिक नुस्खे, योग, सात्त्विक आहार और सकारात्मक सोच को अपनाकर हम न केवल तनावमुक्त रह सकते हैं, बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से अधिक स्वस्थ भी बन सकते हैं।