प्याज भारतीय रसोई का एक ज़रूरी हिस्सा है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, प्याज (पलांडू) एक बेहतरीन औषधि है। इसका उपयोग प्राचीन काल से ही पाचन, त्वचा, बाल, हृदय, यौन स्वास्थ्य जैसी समस्याओं में किया जाता रहा है। चरक संहिता और भावप्रकाश निघंटु में, पलांडू को वात-कफ नाशक, वीर्यवर्धक और अग्निदीपक कहा गया है।
आयुर्वेद में कहा गया है – “नित्यं हित मात्रा सेवनात पठ्यं पलांडू संज्ञकन्।“
अर्थात, अगर प्याज का सेवन नियमित रूप से उचित मात्रा में किया जाए तो यह स्वास्थ्यवर्धक होता है।
प्याज के आयुर्वेदिक गुण:
• रस (स्वाद): मीठा, कड़वा, तीखा
• वीर्य (तीखा)
• गुण (गाढ़ा), चिकना, दोष
• विपाक (कड़वा)
प्रभाव: वात और कफ दोषों को शांत करता है
• प्रभाव क्षेत्र: पाचन, त्वचा, मूत्रमार्ग, यौन शक्ति, ज्वर
• प्याज के आयुर्वेदिक लाभ:
मुख्य
1. पाचन शक्ति बढ़ाता है: प्याज अग्नि को प्रज्वलित करता है और खराब पाचन, अपच, पेट फूलना, गैस जैसी समस्याओं को दूर करता है।
नुस्खा: भोजन के साथ कच्चा प्याज रोज़ाना खाएँ, खासकर गर्मियों में।
2. त्वचा रोगों में लाभकारी: प्याज का रस फोड़े-फुंसी, एक्जिमा, खुजली, रूसी आदि में बहुत उपयोगी है।
नुस्खा: प्याज के रस को नीम के तेल में मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएँ।
3. बालों के झड़ने और रूसी का रामबाण इलाज: प्याज का रस हफ़्ते में दो बार बालों की जड़ों को मज़बूत बनाता है और रूसी दूर करता है।
नुस्खा: रोज़ सुबह खाली पेट 1 चम्मच प्याज का रस पिएँ।
4. वीर्य और यौन स्वास्थ्य बढ़ाने में सहायक: प्याज शुक्र धातु को पोषण देता है और पुरुषों में स्तंभन शक्ति बढ़ाता है
नुस्खा: प्याज को घी में भूनकर, उसमें थोड़ा शहद मिलाकर रात को सोने से पहले सेवन करें।
5. हृदय के लिए टॉनिक: प्याज रक्त को पतला करता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है। इससे रक्तचाप और हृदय रोग कम करने में मदद मिलती है। गर्मियों में प्याज का सेवन ठंडक देता है, खासकर दोपहर के समय। सर्दियों में पका हुआ प्याज खाना फायदेमंद होता है। गुड़ के साथ प्याज खाने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
6. मधुमेह में उपयोगी, प्याज शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाता है
नुस्खा: कच्चे प्याज का सलाद खाएँ, खासकर हरा प्याज।
7. बुखार और सर्दी में राहत: प्याज का रस कफ निकालने में मदद करता है।
नुस्खा: 1 चम्मच प्याज का रस शहद के साथ दिन में 3 बार लें।
8. मूत्र विकारों में उपयोगी: प्याज मूत्रवर्धक है और मूत्र संक्रमण, पेशाब में जलन जैसी समस्याओं में राहत देता है।
नुस्खा: प्याज को उबालकर उसका पानी दिन में दो बार पिएँ।
9. गर्मियों में शरीर को ठंडक: प्याज शरीर में पसीना लाकर गर्मी को संतुलित करता है।
नुस्खा: छाछ + प्याज और काला नमक – गर्मियों के लिए सबसे अच्छा पेय।
10. फोड़े-फुंसियों और घावों के लिए: प्याज का पेस्ट घाव में संक्रमण को रोकता है और सूजन कम करता है।
नुस्खा: प्याज को भूनकर घाव पर लगाएँ।
आयुर्वेदिक तरीके से प्याज का सेवन कैसे करें:
कच्चा – सलाद, चटनी, रायते में
घी या सरसों के तेल में पकाकर भून लें
रस के रूप में, 5-10 मिलीलीटर रस को शहद या गुनगुने पानी के साथ बालों, फोड़े-फुंसियों और रूसी पर लगाएँ।
सावधानियाँ:
• इसकी गर्म प्रकृति के कारण, गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। पित्त प्रकृति वाले लोगों को इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।
• अधिक सेवन से पसीने की बदबू, सांसों की दुर्गंध या एसिडिटी हो सकती है।
निष्कर्ष:
प्याज यानी पलांडु न केवल एक स्वादिष्ट सब्जी है, बल्कि एक प्राकृतिक औषधि भी है। अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो यह कई बीमारियों से बचाने में सक्षम है।