आयुर्वेद में कहा गया है—"यथानाम तथा गुणाः" यानी जिस पदार्थ का नाम जैसा होता है, उसमें वैसे ही गुण होते हैं। ‘मेथी’—छोटा सा बीज, पर गुणों में विशाल। यह हर भारतीय रसोई में पाई जाती है, लेकिन बहुत कम लोग...
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गोक्षुर मूत्र विकारों का शुद्ध प्राकृतिक इलाज !गोक्षुरं बलवर्धनं मूत्रकृच्छ्रहरं परम् ।।
गोक्षुर (Tribulus terrestris), एक छोटी काँटेदार बेल है जो भारत के मैदानी क्षेत्रों में विशेष रूप से पाई जाती है। आयुर्वेद में इसे “वृष्य”, “बल्य" और "मूत्रल” गुणों के कारण अत्यंत प्रभावशाली औषधि माना गया है। इसका उपयोग हजारों वर्षों...
धीमा मेटाबॉलिज्म: थकान, चर्बी और सुस्ती का एक ही कारण !
क्या आप बिना ज़्यादा खाए भी वजन बढ़ने, थकान, आलस्य, अपच और स्किन की समस्याओं से परेशान हैं? तो जान लीजिए - इन सबकी जड़ है आपका धीमा मेटाबॉलिज्म (Agni Mandya) । मेटाबॉलिज्म यानी शरीर की ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया। आयुर्वेद...
तुलसी-आयुर्वेद की सर्वोत्तम ओषधि ही नहीं बल्कि हर घर आध्यतम की देवी माता! भी है ।
बारिश का मौसम जैसे ही आता है वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे संक्रमण रोग , वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम, पेट से संबंधी रोग और स्किन इंफेक्शन जैसे अन्य समस्याएं तेज़ हो जाती हैं। ऐसे में यदि कोई एक जड़ी-बूटी...
गर्म दूध, रोग ठंडे! शरीर, मन और आत्मा तीनों को पोषण देता ये आयुर्वेदिक पेय ,
भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही दूध (Milk) को "संपूर्ण आहार" और "अमृततुल्य" माना गया है। आयुर्वेद दूध को एक ऐसा सात्त्विक पेय मानता है, जो शरीर, मन और आत्मा तीनों को पोषण देता है। यह केवल एक पोषण तत्व...
पाचन से प्रतिरोधक शक्ति तक! वात-कफ नाशक रत्न है अजवाइन .
घर की रसोई में रखा एक छोटा सा मसाला - अजवाइन (Ajwain) - न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि यह पाचन तंत्र से लेकर सर्दी-खांसी, त्वचा रोग और वजन नियंत्रण तक में चमत्कारी लाभ करता है। आयुर्वेद इसे...
फिटकरी: बरसात में संक्रमित रोगों से फिटकरी से सुरक्षा कवच
बरसात का मौसम आते ही वातावरण में नमी और कीटाणुओं की मात्रा बढ़ जाती है। इससे त्वचा संक्रमण, जलजनित रोग, गले की समस्याएं, और घावों का देर से भरना जैसी परेशानियाँ आम हो जाती हैं। ऐसे समय में यदि कोई...
केवल मसाला नहीं, बल्कि एक पूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है कलौंजी , जिसको आप कई तरीकों से रोज़मर्रा की ज़िंदगी में शामिल कर सकते हैं – चाहे स्वास्थ्य हो, सौंदर्य हो या घरेलू उपचार।
जब भी किसी बहुगुणी आयुर्वेदिक औषधि की बात होती है, तो कलौंजी का नाम शीर्ष पर आता है। यह काले रंग के छोटे-छोटे बीज न केवल रसोई की शोभा बढ़ाते हैं, बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने में भी जबरदस्त भूमिका...
गर्म पानी: बरसात में पीना और नहाना किसी औषधि से कम नहीं !
बरसात का मौसम जैसे ही दस्तक देता है, मौसम में ठंडक, नमी और आद्रता बढ़ जाती है। हवा में ताज़गी होती है लेकिन साथ ही बढ़ जाता है इंफेक्शन का खतरा । सड़कों पर पानी भर जाता है, खानपान अस्त-व्यस्त...
प्याज: सिर्फ़ एक स्वादिष्ट सब्ज़ी ही नहीं, बल्कि एक आयुर्वेदिक औषधि भी है
प्याज भारतीय रसोई का एक ज़रूरी हिस्सा है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, प्याज (पलांडू) एक बेहतरीन औषधि है। इसका उपयोग प्राचीन काल से ही पाचन, त्वचा, बाल, हृदय, यौन स्वास्थ्य जैसी समस्याओं में किया जाता रहा है। चरक संहिता और...