प्याज भारतीय रसोई का एक ज़रूरी हिस्सा है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, प्याज (पलांडू) एक बेहतरीन औषधि है। इसका उपयोग प्राचीन काल से ही पाचन, त्वचा, बाल, हृदय, यौन स्वास्थ्य जैसी समस्याओं में किया जाता रहा है। चरक संहिता और...
Tag: draniljagannath.com
मखाना:आयुर्वेद में इसे “स्वास्थ्य रक्षक रत्न” भी कहा गया है , शुद्ध, हल्का और ऊर्जावर्धक सुपरफूड माना गया है ।
शादी के प्रसाद से लेकर व्रत-उपवास की रस्मों तक, और अब आधुनिक फिटनेस डाइट तक, मखाना ने अपनी यात्रा में हर जगह अपनी जगह बनाई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सिर्फ़ एक हल्का और कुरकुरा नाश्ता ही...
त्रिजात: एक सशक्त त्रिविध औषधि संयोजन इला, त्वक और पत्र का रहस्य !
आयुर्वेद के अनमोल खजाने में एक अत्यंत प्रभावशाली और पारंपरिक औषधीय योग है - त्रिजात (Trijata)। यह तीन औषधीय मसालों - इला (छोटी इलायची), त्वक (दालचीनी) और पत्र (तेजपत्ता) से मिलकर बना होता है। त्रिजात न केवल पाचन, श्वसन और...
लहसुन – रसोई और औषधि का खजाना जो हर मौसम में खाया जाता है ।
लहसुन सिर्फ़ स्वाद बढ़ाने वाला मसाला नहीं है, बल्कि प्राचीन काल से औषधीय गुणों से भरपूर एक चमत्कारी जड़ है। आयुर्वेद, यूनानी और आधुनिक चिकित्सा - सभी इसे रोगनाशक मानते हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने,...
आयुर्वेद से करें स्किन डिटॉक्स और पाएं प्राकृतिक निखार!
आज की दुनिया में जहां केमिकल्स और कॉस्मेटिक्स का बोलबाला है, वहीं आयुर्वेद हमें सौंदर्य की ओर लौटने का एक शुद्ध और प्राकृतिक रास्ता दिखाता है। त्वचा केवल सुंदरता का प्रतीक ही नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य का आईना भी होती...
अश्वगंधारिष्ट! आयुर्वेद का ब्रह्मास्त्र “मानसिक, शारीरिक और यौन स्वास्थ्य की एकमात्र औषधि”
अश्वगंधारिष्ट, आयुर्वेद का एक प्रमुख अरिष्ट कल्प है जो मानसिक तनाव, दुर्बलता, अनिंद्रा, थकावट, कमजोरी, स्नायु रोग और पुरुषों में वीर्य की कमी जैसे रोगों में विशेष लाभकारी माना गया है। यह न केवल एक रसायन है बल्कि यह एक...
योगराज गुग्गुलु : वात रोगों का नाशक शत्रु,हड्डियों का मित्र रक्षक
योगराज गुग्गुलु: हड्डियों का रक्षक, वात रोगों का नाशक! योगराज गुग्गुलु न केवल एक आयुर्वेदिक औषधि है, बल्कि यह एक शक्तिशाली बहुउद्देशीय औषधि है जो शरीर में संचित दोषों को दूर करने में सक्षम है। आयुर्वेद के महान ग्रंथों में...
तोरी: स्वाद में सादी, सेहत में असरदार – गुणों का भंडार! तोरी, जिसे अक्सर हम हल्की और साधारण सब्जी मानते हैं, वास्तव में पोषण और स्वास्थ्य गुणों का एक अद्भुत स्रोत है।
तोरी यानी स्पंज लौकी - भारत के हर हिस्से में पाई जाने वाली यह हरी सब्ज़ी आयुर्वेद की नज़र से जितनी आम लगती है, उतनी ही आम भी है। चाहे व्रत हो, बीमारी हो, पेट की समस्या हो या लिवर...
अविपत्तिकर चूर्ण : पेट की समसयाओ का अचूक आयुर्वेदिक समाधान
आधुनिक जीवनशैली, गलत खानपान और अनियमित दिनचर्या ने पेट की समस्याओं को आम बना दिया है। गैस, अपच, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं अब हर घर की परेशानी बन चुकी हैं। ऐसे में आयुर्वेद का एक दिव्य फार्मूला है -...
ब्रह्म मुहूर्त में उठने से शरीर ही नहीं मन पर भी पर चमत्कारी प्रभाव होता है ।
ब्रह्म मुहूर्त, सूर्य उदय से लगभग 1.5 घंटा पहले का समय होता है, जो अमूमन सुबह 3:30 से 5:30 के बीच पड़ता है। आयुर्वेद, योग और प्राचीन भारतीय ग्रंथों में इस समय को "दिव्य घड़ी" कहा गया है। इसे "ब्रह्मा...