आज के भाग दौड़ के जीवन में थायराइड की बीमारी तेजी के साथ बढ़ रही है। यह एक ऐसी समस्या है जो हमारे शरीर की ऊर्जा ,वजन ,हार्मोन और मानसिक स्थिति तक को प्रभावित करती है। आयुर्वेद के अनुसार थायराइड असंतुलन शरीर की अग्नि और दोषो की गड़बड़ी से जुड़ा है।  थायरॉयड क्या है, यह क्यों होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इसे कैसे घरेलू और आयुर्वेदिक उपायों से नियंत्रित किया जा सकता है।थायराइड क्या है, यह क्यों होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इसे कैसे घरेलू और आयुर्वेदिक उपायों से नियंत्रित किया जा सकता है।

थायराइड एक छोटी सी ग्रंथि है जो गले के आगे की तरफ तितली के आकार की होती है। यह ग्रंथि थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) हार्मोन बनाती है, जो शरीर की ऊर्जा, पाचन, वृद्धि और मानसिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करते हैं। जब ये हार्मोन ज्यादा बनने लगते हैं तो इसे हाइपरथाइरॉयडिज़्म, और जब कम बनने लगते हैं तो हाइपोथाइरॉयडिज़्म कहा जाता है।

  थायराइड क्यों होता है?

  • आनुवंशिक कारण परिवार में किसी को थायराइड है तो जोखिम बढ़ जाता है।
  • तनाव और अनियमित जीवनशैली – लगातार तनाव और नींद की कमी।
  • आयोडीन की कमी या अधिकता दोनों ही स्थिति थायरॉयड ग्रंथि को प्रभावित करती हैं। ऑटोइम्यून डिज़ीज़ थायरॉयडिटिस जैसी बीमारियां ।

हाइपो थायराइड

  • ठंड ज्यादा लगना
  • अचानक वजन बढ़ जाना
  • थकान एवं  कमजोरी
  • त्वचा का रूखापन
  • बालों का झड़ना
  • उदासी और अवसाद

  हाइपर थायराइड (हार्मोन की अधिकता)  

  • अचानक वजन कम होना
  • दिल की धड़कन तेज होना
  • नींद की कमी
  • चिड़चिड़ापन और चिंता अधिक पसीना आना हाथों में कंपन

  थायराइड से बचाव के उपाय  

  • संतुलित आहार लें – आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करें।
  • तनाव कम करें – योग और ध्यान अपनाएँ।
  • नियमित नींद लें – देर रात जागने से बचें।
  •  प्रदूषण और रेडिएशन से दूरी बनाएं ।
  •  नियमित रूप से थायरॉयड टेस्ट करवाएँ।  

 आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे

  • 1. त्रिफला चूर्ण : रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच त्रिफला लें। यह पाचन और अग्नि को संतुलित करता है।
  •  2. अश्वगंधा : अश्वगंधा का सेवन थायराइड हार्मोन को संतुलित करता है और तनाव घटता है।
  • 3. गिलोय : गिलोय प्रतिरक्षा को मजबूत कर थायरॉयड असंतुलन को कम करने में सहायक है।
  • 4. नारियल पानी और नारियल तेल : आयुर्वेद के अनुसार नारियल थायरॉयड की असामान्यता को शांत करता है।
  • 5. योगासन: सर्वांगासन और मत्स्यासन थायरॉयड ग्रंथि पर सीधा प्रभाव डालते हैं। कपालभाति और अनुलोम-विलोम प्राणायाम हार्मोन संतुलन में मददगार हैं।
  • 6. हल्दी दूध : रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध लेने से सूजन और हार्मोनल असंतुलन – खासकर महिलाओं में गर्भावस्था हार्मोनल असंतुलन कम होता है ।

थायराइड के लक्षण

  •  हाइपोथायरॉयड (हार्मोन की कमी)
  •  अचानक वजन बढ़ना
  • थकान और कमजोरी

निष्कर्ष 

थायरॉयड कोई छोटी समस्या नहीं है, यह शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करती है। लेकिन अगर आप समय रहते लक्षण पहचान लें और आयुर्वेदिक नुस्खों, योग और संतुलित आहार को जीवन में शामिल करें, तो इस बीमारी को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है

 

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