यूरिक एसिड शरीर में दर्द के साथ सूजन भी बढ़ाता है , इसका इलाज आयुर्वेद और प्राकृतिक उपचार में ही संभव है

यूरिक एसिड एक ऐसी समस्या है जिसमें शरीर में प्यूरीन नामक तत्व के टूटने से बनने वाला अपशिष्ट पदार्थ बढ़ जाता है। जब यह यूरिक एसिड जोड़ों में जमा होने लगता है, तो गठिया जैसी दर्दनाक बीमारी का कारण बनता है। आयुर्वेद में इसे वातरक्त कहा जाता है और इसके लिए कई प्राकृतिक उपचार और जड़ी-बूटियाँ बताई गई हैं, जो शरीर से यूरिक एसिड को बाहर निकालने और सूजन को कम करने में मदद करती हैं। 

यूरिक एसिड को रखें कंट्रोल में कितनी मात्रा में होना चाहिए
सामान्य तौर पर यूरिक एसिड महिलाओं में 2.6-6.0 mg/dl एवं पुरुषों में 3.4-7.0mg/dl होना चाहिए. जब इसका लेवल बढ़ने लगता है तो जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में सूजन आने लगती है.इन लोगों को होती है समस्या ,जो लोग आयरन और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा लेते हैं या जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर व थायराइड की शिकायत है. वही जो लोग बहुत ज्यादा मोटे हैं, उन्हें भी यूरिक एसिड की समस्या हो जाती है.

यूरिक एसिड के लिए आयुर्वेदिक औषधियाँ

यहाँ कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और तरीके दिए गए हैं जो यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मददगार हो सकते हैं:

गिलोय

इसे यूरिक एसिड के लिए सबसे प्रभावी जड़ी-बूटियों में से एक माना जाता है। इसमें रक्तशोधक (रक्तशोधक) और सूजन कम करने वाले (एंटी-इंफ्लेमेटरी) गुण होते हैं।

गिलोय शरीर से गंदगी निकालने और यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करता है।

उपयोग विधि: आप रोज़ सुबह खाली पेट 1 चम्मच गिलोय का रस पी सकते हैं, या गिलोय वटी (गोलियाँ) ले सकते हैं।

त्रिफला:

यह आंवला, हरीतकी और बिभीतकी जैसे तीन फलों का मिश्रण है।

त्रिफला पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

उपयोग विधि:आप रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं।

सोंठ और हल्दी:

अदरक और हल्दी दोनों में ही बेहतरीन सूजन-रोधी गुण होते हैं।

ये शरीर में यूरिक एसिड को कम करने और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं।

उपयोग विधि: आप सोंठ और हल्दी के चूर्ण को पानी में मिलाकर पी सकते हैं, या दर्द वाली जगह पर इसका लेप भी लगा सकते हैं।

गोखरू:

गोखरू में पेशाब बढ़ाने वाले गुण होते हैं, जिससे अतिरिक्त यूरिक एसिड पेशाब के ज़रिए शरीर से बाहर निकल जाता है।

उपयोग विधि: आप गोखरू चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं, या गोखरू वटी का सेवन कर सकते हैं।

अश्वगंधा:

अश्वगंधा एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है जो शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है। यह यूरिक एसिड को नियंत्रित करने और जोड़ों के दर्द को कम करने में भी सहायक है।

उपयोग विधि: अश्वगंधा चूर्ण को रात को सोने से पहले गर्म पानी या दूध में मिलाकर लिया जा सकता है।

दालचीनी:

दालचीनी में भी सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

उपयोग विधि: दालचीनी के एक छोटे टुकड़े को पानी में उबालें, छान लें और थोड़ा ठंडा होने पर पी लें।

 घरेलू और उपयोगी उपाय

आयुर्वेदिक औषधियों के साथ-साथ कुछ घरेलू नुस्खे भी यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में बेहद मददगार होते हैं

बेकिंग सोडा – एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा घोलकर दो हफ्ते पीएं. यूरिक एसिड लेवल कम हो जाएगा.

आंवला – आंवले का रस एलोवेरा जूस में मिलाकर पिएं लेकिन एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर ले लें

नारियल पानी – नारियल पानी पीएं क्योंकि यूरिक एसिड मरीजों के लिए यह काफी फायदेमंद है.

नींबू पानी:नींबू में विटामिन-सी होता है जो यूरिक एसिड को घोलने में मदद करता है। गुनगुने पानी में नींबू निचोड़कर रोज सुबह खाली पेट पीना फायदेमंद होता है।

एप्पल साइडर विनेगर:यह शरीर को डिटॉक्स करता है और यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकता है। आप एक गिलास गुनगुने पानी में 1-2 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर पी सकते हैं।

अजवाइन का पानी: अजवाइन सूजन कम करती है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है। एक गिलास पानी में 1 चम्मच अजवाइन उबालें, छान लें और दिन में एक बार पिएं।

खूब पानी पिएं: भरपूर पानी पीएं क्योंकि यूरिक एसिड को बाहर निकालने के लिए यह बेहद जरूरी है. इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिए.

उचित आहार और जीवनशैली: प्यूरीन युक्त भोजन से बचना, अपना वज़न नियंत्रित रखना और रोज़ाना व्यायाम करना भी बहुत ज़रूरी है।

बथुआ का जूस– बथुआ के पतों का जूस निकालकर सुबह खाली पेट पीएं. जूस के सेवन के 2 घंटे बाद कुछ न खाएं. 1 हफ्ता करके देखें, आपको फर्क दिखेगा.

एक बात हमेशा याद रखें:कोई भी आयुर्वेदिक दवा या नया इलाज शुरू करने से पहले, हमेशा किसी प्रमाणित आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें। वह आपके स्वास्थ्य और समस्या को देखकर सही सलाह दे पाएंगे। अपनी मर्ज़ी से कोई दवा न लें।

 

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