दलिया: आयर्वेद के अनुसार एक मध्य-गुणकारी आहार है , जो वात, पित्त और कफ तीनों दोषो को संतुलित करने  में सहायता करता  है। 

आज की भाग दौड़ की जिंदगी में स्वास्थवर्ध्क खाने का चुनाव करना जितना मुश्किल हो गया है।  उससे मुश्किल हो गया है उसको चुनना। ऐसे में दलिया एक ऐसा सुपर फ़ूड है जो न केवल स्वादिष्ट है बल्कि उतना पोषण से भरपूर भी है। यह हर उम्र के लिए फायदेमंद है और आयुर्वेद में पचने में आसान ,शरीर को बल देने वाला है और रोग प्रति रोग को बढ़ाने वाला आहार मन गया है। आयुर्वेद में दलिया को मध्य-गुणकारी आहार बताया गया है , जो वात, पित्त और कफ तीनों दोषो को संतुलित करने  में सहायता करता  है। 

वात दोष : दलिया में मौजूद रेशे (फाइबर)पाचन को नियंत्रित करते है और कब्ज जैसी समस्या को को भी दूर करती है।
पित्त दोष : इसका शीतल स्वभाव शरीर में उत्पन्न गर्मी के प्रभाव को कम करने में सहायता  करता है।
कफ दोष : दलिया हल्का और सुपाच्य होता है जिससे शरीर में अतिरिक्त बलगम और भारीपन महसूस नहीं होता है
दलिया का नियमित सेवन से शरीर को आंतरिक रूप से पोषित करता है और ऊर्जा प्रदान करता है। आयुर्वेद के अनुसार दलीय सात्विक आहार की श्रेणी में आता है। जो मन और शरीर दोनों को तंदुरुस्त रक्त है।
दलिया खाने के प्रमुख फायदे :
  पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है
दलिया में मौजूद घुलनशील और अघुलनशील फाइबर पाचन को बेहतर बनाते हैं। यह आंतों की सफाई करता है और कब्ज से बचाता है।
  दिल को रखे स्वस्थ
दलिया में मौजूद बीटा-ग्लूकॉन और मैग्नीशियम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखते हैं और हृदय रोग के खतरे को कम करते हैं।
  वजन नियंत्रण में मददगार
दलिया कम कैलोरी और अधिक फाइबर वाला भोजन है, जो लंबे समय तक पेट भरा रहता है। इससे ज्यादा खाने की आदत कम होती है और वजन नियंत्रित रहता है।
 हड्डियों और मांसपेशियों के लिए अच्छा
इसमें कैल्शियम, फास्फोरस और प्रोटीन होता है, जो हड्डियों को मजबूत और मांसपेशियों को स्वस्थ रखते हैं।
डायबिटीज में लाभकारी
दलिया का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ने से रोकता है।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
दलिया में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं, जिससे मौसमी बीमारियों से बचाव होता है

 दलिया सेवन के आयुर्वेदिक तरीके

सुबह के नाश्ते में दूध वाला दलिया दूध के साथ पका कर, उसमें इलायची और शहद मिलाकर सेवन करने से शरीर को ऊर्जा और पोषण मिलता है। यह बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है।

  सब्जियों वाला नमकीन दलिया : गाजर, मटर, बीन्स, शिमला मिर्च जैसी मौसमी सब्जियों के साथ पका कर खाने से विटामिन और मिनरल की मात्रा बढ़ती है।
यह लंच या डिनर के लिए बेहतरीन हेल्दी ऑप्शन है।
  दाल वाला प्रोटीन-रिच दलिया : मूंग दाल या मसूर दाल के साथ पका कर इसका सेवन करने से प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है, जो मांसपेशियों के लिए जरूरी है।
मौसमी फलों के साथ मीठा दलिया: केले, सेब, अनार या पपीते के साथ दलिया खाने से यह एनर्जी बूस्टर बन जाता है।

दलिया खाने के समय ध्यान देने योग्य बातें

  1. हमेशा ताजे और साबुत गेहूं या जौ का दलिया इस्तेमाल करें।
  2. ज्यादा तेल-मसाले डालने से बचें, वरना यह हेल्दी होने के बजाय भारी हो जाएगा।
  3. डायबिटीज के मरीज मीठे दलिया में चीनी की जगह शहद या गुड़ का उपयोग करें।
  4. रात में दलिया खाने से पहले उसमें हल्दी और अदरक का प्रयोग करें, जिससे पाचन आसान हो और सर्दी-जुकाम से बचाव हो

  आयुर्वेदिक निष्कर्ष : दलिया एक ऐसा आहार है, जो न केवल शरीर को पोषण देता है बल्कि मन को भी संतुलित और शांत रखता है। इसकी सात्विक और सुपाच्य प्रकृति इसे हर मौसम और हर उम्र के लिए उपयुक्त बनाती है। नियमित रूप से दलिया खाने से न केवल ऊर्जा मिलती है, बल्कि यह अनेक बीमारियों से भी बचाव करता है।

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